Hindi Literature
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CHANDER

रहती है रोशनी


लेकिन दिखता है अंधेरा

तो

कसूर

अंधेरे का तो नहीं हुआ न!

और

न रोशनी का!

किसका कसूर?

जानने के लिए


आईना भी कैसे देखूं

कि अंधेरा जो है

मेरे लिए

रोशनी के बावजूद!

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