Hindi Literature
Advertisement
http://www.kavitakosh.orgKkmsgchng
































CHANDER

एक दिन

हाँ, एक दिन

वे खड़े होकर पूछेंगे :

कौन-सा रास्ता

इस नरक के बाहर जाता है

एक दिन

वे अपनी मज़बूत टांगों पर

खड़े होकर कहेंगे :

हम जा रहे हैं

एक दिन

वे तुम्हारा तख़्त

उठा कर पलट देंगे

और तुम उन्हें रोक नहीं सकोगे


(रचनाकाल : 1977)

Advertisement