Hindi Literature
Register
Advertisement
http://www.kavitakosh.orgKkmsgchng
































CHANDER

घर आवो जी सजन मिठ बोला।

तेरे खातर सब कुछ छोड्या, काजर, तेल तमोला॥

जो नहिं आवै रैन बिहावै, छिन माशा छिन तोला।

'मीरा' के प्रभु गिरिधर नागर, कर धर रही कपोला॥

Advertisement