Hindi Literature
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CHANDER

दूर दूर दूर

खेतों में बहती है हवा

नदी की तरह

और जानती है

उसे किसी से कुछ नहीं लेना है

उसे सिर्फ़ देना है आपको

शहर द्वारा अपने प्रति किए गए

अपमान का जवाब


(रचनाकाल :1976)

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