Hindi Literature
Advertisement
http://www.kavitakosh.orgKkmsgchng
































CHANDER <poem>।।राग आसा।।

तुझहि चरन अरबिंद भँवर मनु। पान करत पाइओ, पाइओ रामईआ धनु।। टेक।। कहा भइओ जउ तनु भइओ छिनु छिनु। प्रेम जाइ तउ डरपै तेरो जनु।।१।। संपति बिपति पटल माइआ धनु। ता महि भगत होत न तेरो जनु।।२।। प्रेम की जेवरी बाधिओ तेरो जन। कहि रविदास छूटिबो कवन गुनै।।३।।

Advertisement