Hindi Literature
Register
Advertisement
रचना संदर्भरचनाकार:  मीराबाई
पुस्तक:  प्रकाशक:  
वर्ष:  पृष्ठ संख्या:  

हरि मेरे जीवन प्राण अधार।
और आसरो नांही तुम बिन, तीनू लोक मंझार।।
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
आपबिना मोहि कछु न सुहावै निरख्यौ सब संसार।
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
मीरा कहै मैं दासि रावरी, दीज्यो मती बिसार।।
हरि मेरे जीवन प्राण अधार

Advertisement