Hindi Literature
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साँचा:KKAnooditRachna

अगर फिर फ़िसलता है तुम्हारा पैर

तो वह कट कर अलग हो जाएगा


अगर किसी दूसरी डगर पर ले जाता है

तुम्हें, तुम्हारा हाथ

तो वह सड़-गल कर बेकार हो जाएगा


अगर तुम अपनी ज़िन्दगी मुझ से ले लेती हो

तो तुम जीते-जी मर जाओगी


फिरती रहोगी मारी-मारी, मेरे बिना

बेजान

या साये की तरह ।
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