Hindi Literature
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CHANDER

शमशान की काँटेदार फ़ेंस पार करने के बाद

पेड़-पत्तों-फूलों की दुनिया नज़र आएगी

पंखुड़ियों पर बिखरे होंगे सपनीले ओसकण

सूर्योदय के विलम्ब के बावजूद

फूलचुहकी गाएगी, इतराएगी

रोशनी की अगवानी करेगी

तब हवा भी गाएगी दुखों का इतिहास

नए अंदाज़, अभिनव छंदों में

जगन्नाथ मंदिर का पुजारी

फेफड़ों में समूचा उत्साह भरकर

फूँकेगा शंख

तुलसीदल और हरिद्रा-जल

चढ़ने के बाद बँटेगा

निर्माल्य

वहीं-वहीं सजल नेत्रों से

मैं भी खड़ा रहूंगा

तुम्हारे द्वार पर

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