Hindi Literature
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CHANDER


इतने घुप्प अंधेरे में

एक पीली पतंग

धीरे-धीरे

आकाश में चढ़ रही है.


किसी बच्चे की नींद में है

उसकी गड़ेरी


किसी माँ की लोरियों से

निकलती है डोर !

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