Hindi Literature
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CHANDER

समय

लावारिस बच्चे-सा

कितना फ़ालतू हो जाता है कभी।

या जादुई रंग-सा

बहुत दूर तक।

एक ख़ौफ़नाक संदेह
गोद में सोया हुआ अंधेरा।
चुप रहने का संकेत
हर बार।


अधकटी ज़बानों पर कर्फ़्यू है।

लेकिन मैं अभिशप्त

मुझे करनी हैं अभिव्यक्त

वे ही सब बातें।
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