Hindi Literature
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रचना संदर्भरचनाकार:  मीराबाई
पुस्तक:  प्रकाशक:  
वर्ष:  पृष्ठ संख्या:  

हे मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री।
कैं कहुँ काज किया संतन का।
कैं कहुँ गैल भुलावना।।
हे मेरो मनमोहना।
कहा करूँ कित जाऊँ मेरी सजनी।
लाग्यो है बिरह सतावना।।
हे मेरो मनमोहना।।
मीरा दासी दरसण प्यासी।
हरि-चरणां चित लावना।।
हे मेरो मनमोहना।।

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