Hindi Literature
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CHANDER

राग पूरिया कल्याण

साजन, सुध ज्यूं जाणो लीजै हो।
तुम बिन मोरे और न कोई, क्रिपा रावरी कीजै हो॥

दिन नहीं भूख रैण नहीं निंदरा, यूं तन पल पल छीजै हो।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर , मिल बिछड़न मत कीजै हो॥

शब्दार्थ :- साजन =प्रियतम। रावरी =तुम्हारी। निंदरा =नींद। बिछड़न =वियोग।

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