Hindi Literature
Register
Advertisement

कवयित्री: मीराबाई

~*~*~*~*~*~*~*~

हेरी म्हा दरद दिवाणौ

म्हारा दरद ना जाण्याँ कोय ।

घायल री गत घायल जाण्याँ

हिबडो अगण संजोय ॥

जौहर की गत जौहरी जाणै

क्या जाण्याँ जण खोय

मीरा री प्रभु पीर मिटाँगा

जब वैद साँवरो होय ॥

Advertisement