Hindi Literature
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CHANDER


अबकी साल

बसंती सपने

तुम ही तुम


कितनी बाट

तके मन फागुन

है गुमसुम


नैनों तलक

फ़हरती सरसों

मन चंदन


ढोल मंजीर

धनकती धरती

चंग मृदंग


टेसू चूनर

अरहर पायल

वन दुल्हन


होली आँगन

मन घन सावन

साजन बिन


बंदनवार

बँधे घर बाहर

बड़ा सुदिन


बिसरें बैर

मनाएँ जनमत

प्रीत कठिन


केसर गंध

उड़े वन-उपवन

मस्त पवन


पागल तितली

भटके दर-दर

बनी मलंग


डाल लचीली

सुबह सजीली

खिले कदंब


छ्प्पन भोग

अठारह नखरे

गया हेमंत

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